Abraham Lincoln Full Biography In Hindi 2023 | अब्राहम लिंकन का जीवनी -Hindi Jivani

Date / December 6, 2022

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Abraham Lincoln Full Biography In Hindi

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कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। दोस्तों आज मैं बात करूँगा  {Abraham Lincoln Full Biography In Hindi} अमेरिका के अब तक के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की, जिन्होंने अमेरिका सहित पूरे विश्व में दास प्रथा को खत्म करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन उन्होंने जिन संघर्षों के बाद यह मुकाम हासिल किया था, मुझे नहीं लगता कि उनके अलावा या किसी और के बस की बात होगी। अब्राहम लिंकन की जिंदगी इतनी गरीबी में बीता कि उनके पूरे परिवार को घर के लिए दर-दर ठोकरें खानी पड़ी। उनके पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अब्राहम  को स्कूल भेज सके |

अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय संक्षेप में | biography of abraham lincoln in hindi in Short

पूरा नामअब्राहम थॉमस लिंकन
जन्म12 फ़रवरी 1809
जन्म स्थानहोड्जेंविल्ले  केंटुकी (अमेरिका)
मृत्यु15 अप्रैल 1865
मातानेन्सी
पिताथॉमस लिंकन
पत्नीमैरी टॉड
बच्चेरोबर्ट, एडवर्ड, विल्ली और टेड
व्यवसायवकील
राष्ट्रीयताअमेरिकन
उपलब्धिअमेरिका के 16वें राष्ट्रपति
बहनसारा

अब्राहम लिंकन की शुरूआती दिन

लोगों से मांगे हुए किताबों से अब्राहम ने पढ़ाई की अपना पेट पालने के लिए बचपन से ही मजदूरी करना स्टार्ट कर दिया। 9 साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया। उन्होंने जी लड़की से प्रेम किया और शादी करना चाहते थे। उनकी मृत्यु हो गई दाश प्रथा के खिलाफ  लड़ने के लिए चुनाव की तरफ रुख किया तो उसमें भी उन्हें कई बार हार का सामना करना पड़ा। उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी था जब वह चाकू से बहुत दूर रहते थे क्योंकि वह अपने आप से इतने

अब्राहम लिंकन जीवनी -Hindi Jivani 2023

हार गए थे कि उन्हें डर था। की वह कहीं खुद को न मार दें । लेकिन कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। अपने दम पर उन्होंने अमेरिका के सोलहवें  राष्ट्रपति का चुनाव जीता और अमेरिका को उसकी सबसे बड़े संकट अमेरिकन सिविल वर यानी , अमेरिकी गृह योद्ध से पार लगाया और दास प्रथा को जड़ से खत्म कर दिया। गरीबी से लेकर वाइट हाउस तक का सफर तय करने वाले अब्राहम लिंकन के बारे में हम डिटेल में जानेंगे |

अब्राहम लिंकन का जन्म (Abraham Lincoln Birth Date) 

अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) का जन्म 12 फरवरी 1809 को अमेरिका के केंटुकी के हार्डिन काउंटी में हुआ था | उनके पिता का नाम थॉमस लिंकन और मां का नाम नैंसी लिंकन था। उनका पूरा परिवार बहुत ही गरीब था और खुद के बनाए हुए एक लकड़ी के मकान में रहता था। 

अब्राहम लिंकन के अलावा उनकी एक बड़ी बहन भी थी जिसका नाम सारा था। थामस और नैंसी को अब्राहम के बाद एक और पुत्र हुआ लेकिन बचपन में ही उसकी मृत्यु हो गई। लिंकन के पिता थॉमस एक किसान थे 

और साथ ही साथ वह बढ़ई का भी काम करते थे। अब्राहम के जन्म के 2 सालों के बाद ही जमीन के विवाद की वजह से लिंकन परिवार को वह जगह छोड़ना पड़ा जिसके बाद 1811 में वहां से 13 किलोमीटर उत्तर की तरफ चले गए और वहां पर उन्होंने जमीन को खेती के लायक बनाकर   काम करना शुरू किया। लेकिन कुछ समय के बाद यहां पर भी उन्हें जमीनी विवाद झेलना पड़ा और फिर से उस जगह को भी छोड़कर जाना पड़ा। 

Abraham Lincoln Full Biography In Hindi

जिसके बाद 1816 में लिंकन परिवार इंडियाना कि कोहियो  नदी के किनारे आकर बस गया जहां पर उन्होंने घने जंगल में खेती करना शुरू कर दिया जहां पर आज भी उनके घर और खेतों को एक स्मारक के रूप में सुरक्षित रखा गया है। 

अब्राहम लिंकन के बारे में जानकारी | Abraham Lincoln Biography In Hindi

अब्राहम लिंकन ( Abraham Lincoln ) जब 6 साल के हुए तब उन्हें एक स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें खेतों में काम करके अपने पिता का हाथ बताना पड़ता था  और उनके पिता भी कभी नहीं चाहते थे कि वह पढ़ाई लिखाई करें। इसी वजह से ना चाहते हुए भी कुछ ही दिनों में अब्राहम को पढ़ाई छोड़ना पड़ा। हालांकि उन्हें पढ़ाई लिखाई का बहुत शौक था और वह दूसरों से किताबें लेकर जब भी वक्त मिलता पड़ने लगते थे। 

उसी समय उनके बिच एक बहुत ही दुखद मोड़ तब आया जब 5 अक्टूबर 1818 को अब्राहम की मां की मृत्यु हो गई। उस समय अब्राहम  केवल 9 साल की थे । मां की मृत्यु के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी अब्राहम की बहन सारा पर आ गई। उस समय सारा भी केवल 11 साल की थी। 

1 साल बाद घर की परेशानियों को देखते हुए थॉमस ने  एक विधवा महिला से शादी कर ली। सारह बुश जानसन  था उस महिला के 3 बच्चे पहले से थे। अब्राहम को सौतेली मां ने उसकी सगी मां से भी ज्यादा प्यार दिया और कभी भी मां की। कमी महसूस नहीं होने दी 

उसने उनकी पढ़ाई लिखाई में भी पूरी सहायता की। अब्राहम भी अपनी सौतेली मां को बहुत मानते थे। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं आज जो भी हूं उसका पूरा श्रेय अपनी मां को जाता है। अब्राहम के पिता उसे बहुत ही क्रूर व्यवहार रखते थे और वह बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि वह पढ़ाई लिखाई करें। इसीलिए अब्राहम खुद का खर्च चलाने के लिए बचपन में सीखे हुए के काम का इस्तेमाल करके एक नाव बनाई और नौका वह बन कर माल ढोने का काम शुरू कर दिया। साथ ही साथ लोगों के खेतों में जाकर काम भी करते थे।

कुछ स समय बाद उनकी एक दुकान में नौकरी लग गई और वहां उन्हें पढ़ाई का भी थोड़ा समय मिलने लगा। यहीं पर रहते हुए उन्होंने अपने खुद के दम पर बिना किसी कॉलेज की लॉ की पढ़ाई शुरू की । लॉ की पढ़ाई के समय ही एक बार उन्हें पता चला कि नदी के दूसरी तरफ कि गांव में एक रिटायर्ड जज रहते हैं, जिसके पास लॉ की  बहुत सारी किताबें है  लिंकन ने यह तय किया कि वे उसके पास जाएंगे और उनसे रिक्वेस्ट करेंगे कि मैं अपने किताबों को उन्हें भी पढ़ने दे। उस समय बहुत ही जोरदार कराके की ठंड पड़ रही थी। लेकिन लिंकन ने बिना किसी परवाह के बर्फीली नदी में अपनी नाव उतार दी। थोड़ी दूर जाने पर उनका नाव  बर्फ  से टकरा गया और वहीं पर टूट गया। 

फिर भी लिंकन (Abraham Lincoln) ने हार नहीं मानी और तैरते हुए नदी को पार कर उसके घर पहुंच गए और उसी किताबों को पढ़ने की रिक्वेस्ट की जज ने उसकी किताबों को पढ़ने की अनुमति दे दी लेकिन उस समय उनके घर पर काम करने वाला नौकर छुट्टी पर था। इसीलिए उन्होंने लिंकन को अपने घर के कामों को करने के लिए कहा कि लिंकन ने भी खुशी-खुशी स्वीकार कर ली। घर का हर काम करते थे और पारिश्रमिक के नाम पर उन्हें मात्र पुस्तक पढ़ने की छूट थी लेकिन लिंकन इससे भी बहुत खुश थे। कुछ समय के बाद एक गांव में पोस्ट मास्टर बन गए जिसकी  वजह से। लोग उनका सामान करने लगे थे 

ब्राहम लिंकन की राजनीति (Abraham Lincoln political career)

अब्राहम लिंकन ने स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए राजनीति में घुसने का सोचा। उस समय दाश प्रथा चरम पर था लिंकन को  शुरू से गुलामों पर हो रहे अत्याचारों से सख्त नफरत थी और वह दास प्रथा को खत्म करना चाहते थे। इसी विचार के साथ उन्होंने राजनीती में प्रवेश किया और विधायक का चुनाव लड़ा। लेकिन उस चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। उधर चुनाव लड़ते समय उन्होंने पोस्ट मास्टर की नौकरी भी छोड़ दी थी। उनके पास पैसों की बहुत कमी हो गई। अब्राहम लिंकन वैसे  तो महिलाओं से दूर ही रहते थे, लेकिन 24 साल की उम्र में उन्हें एक लड़की से बेपनाह मोहब्बत हो गई लेकिन कुछ समय बाद उस लड़की का  एक गंभीर बीमारी से। मौत हो गई | 

जिसके बाद उन्हें गहरा सदमा पहुंचा था और वह  घंटो घंटो तक अपनी प्रेमिका की कब्र के पास बैठकर रोज  सुबह रोया करते थे। अब्राहम लिंकन के जीवन में सब कुछ उनके खिलाफ चल रहा था। लिंकन का एक समय ऐसा भी था कि वह अपनी जिंदगी से इतना निराश हो चुके थे। चाकू से दूर रहते थे क्योंकि उन्हें डर था कि वह खुद को ना मार ले। उस समय उनकी एक मित्र बोलिंग ग्रीन ने उनका मनोबल बढ़ाया और उनको डिप्रेशन से बाहर निकाला। 

वह फिर से विधायक का चुनाव लड़े और इस बार वह चुनाव जीत गए। जीत के बाद उनकी गिनती सबसे युवा विधायकों में की जाने लगी और उन्होंने युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया। अब विधानसभा में वह  खुलकर बोलते थे जिसकी वजह से वह भी उनकी बातों को महत्व दिया जाने लगा था। उनके द्वारा स्प्रिंगफील्ड को नई राजधानी बनाने के मुद्दे पर सरकार को उनकी बातें माननी पड़ी थी। 

अब्राहम लिंकन देश में गुलामी प्रथा को खत्म करने के लिए कई सारे कार्य किए उन्होंने एक अपने भाषण में कहा था कि राष्ट्र का बंटवारा नहीं हो सकता आधे गुलाम और आधे बिना गुलाम नहीं रह सकते सभी को एकजुट होकर ही रहना होगा और अब्राहम के कई सारे अच्छे कार्य को देखते हुए उनको अमेरिका का राष्ट्रपति चुना गया। अमेरिका में दक्षिणी राज्य तथा उत्तरी राज्य के बीच गृह युद्ध शुरू हो गया |

क्योंकि वहां के गोरे लोग काले लोगों को अपनी खेती करने के लिए भुला देते और उनको हमेशा अपना गुलाम बना कर रखते थे जिस वजह से दक्षिणी लोग अपना खुद का देश बनाना चाहते थे और एकजुट होकर रहना चाहा था जो 18 से 61 से लेकर 1865 तक चला और इस युद्ध में उत्तरी राज्य विजई हुआ।

अब्राहम लिंकन को अब वकील बनने के लिए लाइसेंस मिल गया और फिर उनकी मुलाकात एक मशहूर वकील से हुई वह एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने लगे। काम करने के बाद स्तुवोर्ड ने उनका साथ छोड़ दिया और अब्राहम वकालत में भी असफल हो गए क्योंकि वह गरीबों की केस लड़ने के लिए भी नहीं लेते थे और वहा पूरा जिवन झूठा मुकदमा नहीं

लड़ा, लेकिन उन्होंने असफल ही 20 सालों तक वकालत की। उस काम को करने पर उन्हें मानसिक शांति मिलती थी। उनकी  बहुत सारी कहानियां और ईमानदारी और सज्जनता की दुआही देते हैं। लिंकन और उनके एक सहयोगी वकील ने एक बार किसी महिला की जमीन पर कब्जा करने वाले एक दबंग आदमी को अदालत में सजा दिलवाई। मामला अदालत में केवल 15 मिनट तक चला इसके बाद सहयोग। महिला के भाई से पूरी फ़ीस ले ली। उसके बाद उस वकील ने अब्राहम से खुशी-खुशी बताया कि उस महिला ने पूरी फ़ीस भी दी है |

और वह अदालत के निर्णय से खुश लेकिन लिंकन ने तुरंत कहा कि मैं खुश नहीं हूं। वहां पैसा एक बेचारी रोगी महिला का है और मैं ऐसा पैसा लेने के बजाय भूखे मरना पसंद करूंगा। अगर तुम्हें अपनी फ़ीस चाहिए तो तुम ले लो लेकिन मेरे हिस्से के पैसे उसे तुरंत वापस कर दो। 1842 लिंकन ने मैरी  नाम की एक लड़की से शादी कर ली। मैरी ने एक के बाद चार बेटों को जन्म दिया, लेकिन उनमें से 1843 में जन्मा केवल रोव्बर्ट ही  जीवित रहा |  और बाकी सभी बच्चों की बचपन में ही मृत्यु हो गई। 

1860 में लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े और आखिरकार अमेरिका की सोलहवें राष्ट्रपति बनकर उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता हासिल की | 6 नवम्बर 1860 को  अमेरिका के सोलहवें  राष्ट्रपति बनने के बाद अब्राहम लिंकन ने  के महत्वपूर्ण कार्य किए जिनका राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय महत्त्व है | अब्राहम लिंकन बड़ी उपलब्धि अमेरिका को गृह युद्ध से उभरना था। अमेरिका के संविधान में संशोधन द्वारा दास प्रथा के अंत का श्रे अब्राहम लिंकन को जाता है | 

अब्राहम लिंकन मृत्यु (Abraham Lincoln Death History)

14 अप्रैल 1865 को और उनकी पत्नी वाशिंगटन डीसी में होम थिएटर में एक नाटक देखने आए हुए थे जहां एक मशहूर अभिनेता जॉन विल्कस ने उन्हें गोली  मार दी और अगले ही दिन 15 अप्रैल 1865 को अब्राहम की मौत हो गई। दोस्तों अब्राहम लिंकन ने इन संघर्षों के बाद इतनी बड़ी सफलता हासिल की। उससे हमें यही सीख मिलती है। जिंदगी में अगर कुछ पाना है। हमें कभी हार ना मानने वाली सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।

अब्राहम लिंकन के सुविचार | famous quote of abraham lincoln

Abraham Lincoln Biography and Quotes in Hindi

1. लगभग सभी पुरुष विपरीत परिस्थितियों में खड़े हो सकते हैं, लेकिन यदि आप किसी पुरुष के चरित्र का परीक्षण करना चाहते हैं, तो उसके हाथो में पावर दें।

Abraham Lincoln

2. जब मैं अच्छा करता हूं, तो मुझे अच्छा लगता है। जब मैं बुरा करता हूं, तो मुझे बुरा लगता है। यही मेरा धर्म है।

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3. मेरी चिंता यह नहीं है कि क्या ईश्वर हमारी तरफ है; मेरी सबसे बड़ी चिंता भगवान की तरफ होना है, क्योंकि भगवान हमेशा सही होते हैं।

Abraham Lincoln

4.मैं जो भी हूं या होने की उम्मीद करता हूं, इसके लिए मैं अपनी प्यारी मां के लिए एहसानमंद हूं।

Abraham Lincoln

FAQ (अब्राहम लिंकन)

  1. अब्राहम लिंकन का जन्म तिथि क्या है ?

    12 फरवरी 1809 में हुआ था

  2. अब्राहम लिंकन का जन्म कहा हुआ था है ?

    अमेरिका के केंटुकी के हार्डिन काउंटी में हुआ था |

  3. अब्राहम लिंकन के पिता का क्या नाम था ?

    थॉमस लिंकन

  4. अब्राहम लिंकन के माता का क्या नाम था ?

    नैंसी लिंकन

  5. अब्राहम लिंकन के बहन का क्या नाम था ?

    सारा था |

  6. अब्राहम लिंकन के पत्नी का क्या नाम था ?

    मैरी था |

  7. अब्राहम लिंकन की मौत कब हुई ?

    15 अप्रैल 1865

  8. अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति कब बने ?

    6 नवम्बर 1860

  9. अब्राहम लिंकन की माता का मौत कब हुई ?

    5 अक्टूबर 1818

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