ढब्बू पैसा किसके राजकाल की मुद्रा था? dhabbu paisa kya hai

Date / January 7, 2022

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on pinterest
Share on telegram

हमारे लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए फ्री में ज्वाइन करे

ढब्बू पैसा शिवराई (छत्रपति शिवाजी) के राज में आरम्भ किया दो पैसे अथवा अधन्नी (आधा आना) के मूल्य वाला सिक्का था।

तीन पै = एक पैसा
दोन (दो) पैसे = एक ढब्बू पैसा
दोन ढब्बू पैसे = एक आणा
दोन आणे = एक चवली
दोन चवल्या = एक पावली
दोन पावल्या = एक अधेली
दोन अधेल्या = एक रुपया

वैसे सबसे छोटी इकाई को दाम (द्राम का तद्भव रूप) भी कहते थे, जिससे एक ढब्बू पैसा छह दाम का हो जाता था, जिससे इसका अधिक प्रचलित नाम छदाम भी बना।

मारवाड़ रियासत (जोधपुर रियासत) में भी ताम्र का ‘ढब्बू शाही’ सिक्का चलता था। यह राणा भीमसिंह के शासनकाल काल में लगभग १८०० ई॰ के आसपास अस्तित्व में आया। इस सिक्के का आकार तथा भार इससे पहले चलने वाले विजय-शाही सिक्के से अधिक होने से इसे ढब्बू पैसा कहा जाता था।

अन्य स्थानों पर मूल्य न अंकित किए ताम्र के सिक्के को ढब्बू पैसा अथवा ढबुआ भी कहा जाता रहा है।

ढब्बू शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत भाषा के डिम्ब (गोल) से हुई है। गोल आकार के सिक्के को ढब्बू अथवा डब्बू पैसा कहा जाता रहा है।

वैसे मन्नेवार जन-जाति के एक मुहावरे में ‘ढब्बू पैसा’ अज्ञानी व्यक्ति के लिए एक मुहावरा है, और आपके सेवक को किशोरवय में इस उपाधि से नवाजा जा चुका है।

यह भी पढ़ें ↓

Latest Post

IQ Boost