प्रमुख मुहावरे एवं उनके अर्थ | Hindi Grammar in Hindi 2021

Date / October 24, 2021

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उल्टे बाँस बरेली को ————— विपरीत काम करना

कमर सीधी करना  —————- थकावट दूर करना

कल पड़ना ———————– राहत महसूस होना

काम निकलना  ——————- प्रयोजन सिद्ध होना

कुर्सी तोड़ना  ——————— मेहनत न करना

कान पकड़ना  ——————– भूल स्वीकार करना

कटे पर नमक छिड़कना  ——— दु:खी व्यक्ति को और अधिक दुःखी करना

कंधा लगाना  ——————— सहारा देना

कन्नी काटना  ——————— बचकर निकल जाना

कंधे से कंधा मिलाकर चलना  —– परस्पर सहयोग से काम करना

कच्ची गोलियाँ न खेलना  ———- अनुभव की कमी न होना

कान करना  ———————- ध्यान देना

कलेजा निकाल कर रखना  ——- हृदय की बात कह देना।

कलई खुलना  ——————– भेद प्रकट हो जाना

खून खौलना ———————- बहुत क्रोधित होना

खोपड़ी खाना  ——————– व्यर्थ बातें करके परेशान करना

खिचड़ी पकाना  —————— गुप्त सलाह करना

खून पीना ———————— अधिक बातों से परेशान करना

गले पड़ना  ———————– पीछे पड़ना

गाजर-मूली समझना  ————- निर्बल समझना

गजभर की छाती होना ———— गर्व करना

गोली मारना  ——————— उपेक्षापूर्वक त्याग करना

गंगा नहाना  ———————- कार्य से निवृत्त होना

गुड़ खाए सो कान बिंधाए ——— लोभ में आकर विपत्ति मोल लेना

गले मढ़ना  ———————– इच्छा के विरुद्ध किसी को कोई चीज देना

गला छूटना  ———————- पीछा छूटना

गड़े मुर्दे उखाड़ना  —————- बीती बातें अचानक दोहराना

गिरगिट की तरह रंग बदलना  —– सिद्धान्तहीन होना

घी के दीये जलाना  —————- आनंद मनाना

घात लगाना  ———————- मौका खोजना

घास खोदना  ———————- निरर्थक काम करना

घोड़े बेचकर सोना  —————- गहरी नींद सोना

घड़ों पानी पड़ना  —————— बहुत शर्मिन्दा होना

घर फूँक तमाशा देखना  ———– क्षणिक शोभा के लिए बहुत धन खर्च करना

चिराग से चिराग जलाना  ———- एक से दूसरे का काम बनना

चोर के कान पड़ना  ————— बात फैलना

चुटकी लेना  ———————- हँसी उड़ाना

चोरी और सीना जोरी———— अपराध करके अकड़ना

चूड़ियाँ पहनना  ——————- स्त्रियों के समान अक्षम होना

चरबी छाना ———————– घमण्ड होना

चैन की बंशी बजाना  ————– सुख से रहना

छाती से लगाकर रखना  ———– किसी वस्तु से अत्यधिक लगाव रखना

छाती ठोकना ———————- विश्वास दिलाना

छाती भर का पत्थर  ————— असहनीय दुःख

छीका टूटना  ———————- अनायास लाभ होना

जौहर खुलना  ——————— भेद का पता लगना

जी चुराना  ————————- किसी काम से भागना

जहाज का पंछी होना  ————– एक पर आश्रित होना

जान छूटना  ———————– संकट से बचना

जीती मक्खी निगलना  ————– देखते-समझते बेईमानी सहन करना

टस से मस न होना  —————– अडिग रहना, अनुनय-विनय से न पसीजना

टपक पड़ना  ———————– अकस्मात् आ जाना

टूट पड़ना ————————– भारी संख्या में पहुँचना

ठन-ठन गोपाल  ——————- कंगाल होना

ठिकाने लगाना  ——————– बिल्कुल समाप्त कर देना

डेरा डालना  ———————– निवास करना

डेरा उठ जाना  ——————— परिवार का समाप्त हो जाना

ढाक के वही तीन पात होना  ——– सदा एक

तबियत भर लेना  ——————- पूरी तसल्ली कर लेना

तेली का बैल होना  —————— बुरी तरह काम में लगे रहना

तवे की बूंद होना  ——————- तुरन्त नष्ट हो जाना

तीन-पाँच करना  ——————- घुमा-फिराव की बातें करना

थूक कर चाटना  ——————- कहकर बदल जाना

दाँत पीस कर रह जाना  ———— क्रोध को रोक लेना

दीये तले अंधेरा होना  ————– अपने दोष स्वयं न देखना

दाहिना हाथ  ———————– अत्यन्त विश्वसनीय सहायक

दून की लेना  ———————– शेखी करना

धमा-चौकड़ी मचाना  ————— इकट्ठा होकर शोरगुल करना

नकेल हाथ में होना  —————– पूर्ण नियन्त्रण होना

नाक-भौं सिकोड़ना  —————– घृणा करना

नाक पर सुपारी तोड़ना  ————- बहुत परेशान करना

नंगा नाच दिखाना  —————— निर्लज्जतापूर्वक कार्य करना

नाच नचाना  ———————— अत्यधिक परेशान करना

पल्ला छुड़ाना  ———————- छुटकारा पाना

पान लेना  ————————– प्रतिज्ञा करना

पगड़ी रखना  ———————– दया की भीख माँगना

पट गँवाना  ————————- मान-मर्यादा का नाश होना

पासंग भी न होना  ——————- तुलना में बहुत कम होना

प्राण-पखेरू उड़ना  —————– मर जाना

पानी उतर जाना  ——————– शर्म न रहना

पत्थर पर दूब जमाना  ————— असंभव बात करना

पानी से पहले मोजा उतारना  ——– किसी कार्य को प्रांरभ करने के पूर्व ही डर जाना

पानी पीटना  ———————— व्यर्थ का काम करना

पानी पीकर घर पूछना  ————– काम निकलने के बाद सोचना

पाँव भारी होना  ——————— गर्भवती होना

पीठ दिखाना  ———————– कायरतापूर्वक भाग खड़े होना

पगड़ी उछालना  ——————–  बेइज्जत करना

पानी-पानी होना  ——————– बहुत लज्जित होना

पानी में आग लगाना  —————- शान्ति में झगड़ा पैदा करना

बीड़ा उठाना  ———————– दृढ़ निश्चय करना

बालू का भीत  ———————– शीघ्र नष्ट हो जाने वाली वस्तु

बाल बॉका न होना  —————— साफ-साफ बच जाना

बगुला भगत होना  ——————- ठग होना

बछिया का ताऊ  ——————– मूर्ख होना

बट्टा लगाना  ————————- कलंक लगाना

बेड़ा पार लगाना  ——————— सहायता करना

बिजली गिरना  ———————– भारी विपत्ति आना

भाड़े का टटू  ———————— खरीदा जा सकने वाला व्यक्ति

अँजी भाँग न होना  ——————- दरिद्र होना

भीष्म प्रतिज्ञा करना  —————– दृढ़ प्रतिज्ञा करना

मक्खी पर मक्खी मारना ————- ज्यों की त्यों नकल करना

मिट्टी का माधो  –——————— निपट मूर्ख

मुँह से दूध टपकना  —————– नासमझ होना

मन फटना  ————————- विरक्त होना

मुँह की खाना  ———————- बुरी तरह हारना

मुँह उतरना  ———————— उदास होना

मन डोलना  ———————— लालच होना

रंग जाना  ————————– पूरी तरह प्रभावित होना

रंगा सियार होना  ——————- धूर्त होना

रास्ते पर आना  ——————— सुधर जाना

लाल-पीला होना  ——————- क्रोध करना

श्रीगणेश करना  ——————– आरम्भ करना

सींग काटकर बछड़ों में मिलना —– वास्तविकता छिपाकर कार्य करना ।

समुद्र मन्थन करना —————– कठोर परिश्रम करना

हथेली पर सरसों उगाना  ———— आश्चर्यजनक काम करना

हाल पतला होना  ——————- आर्थिक स्थिति खराब होना

हथियार डाल देना  —————— हार मान लेना

हाथ के तोते उड़ना —————— अचानक घबरा जाना

हुक्का भरना  ———————— सेवा करना

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