1. पण्डित शीलदावानल के प्रमुख शिष्यों के नाम लिखिए।
⇒ वेणु, बाणासुर, रावण, दुर्योधन, शिशुपाल, कंस आदि पण्डित शीलदावानल के प्रमुख शिष्य थे।
2. हिन्दी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं –
⇒ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
3. भारतेन्दु द्वारा रचित निबंध ’एक अद्भूत अपूर्व स्वप्न’ साहित्य की किस शैली को ध्वनित करता हैं ?
⇒ व्यंग्य
4. अपनी कीर्ति स्थापित करने हेतु लेखक के मन में सर्वप्रथम किस चीज के निर्माण का विचार आया ?
⇒ देवालय
5. पुस्तक रचने में लेखक को क्या बाधा उपस्थित हुई ?
⇒ आलोचकों का भय
6. स्वप्न ही में प्रभात होते ही लेखक ने किस चीज को बनाने का विचार दृढ़ किया ?
⇒ पाठशाला
7. लेखक ने पाठशाला निर्माण में हुए व्यय के विषय में मुंशी से कितनी संख्या सुनी ?
⇒ एक अंक और तीन सौ सत्तासी शून्य
8. किस विद्वान को इन्द्र अपनी पाठशाला हेतु समुद्र और वन, जंगलों में खोजता फिरा ?
⇒ महामुनि मुग्धमणि शास्त्री
9. लुप्तलोचन ज्योतिषाभरण ने किस पुस्तक की रचना की थी ?
⇒ लुप्तलोचन ज्योतिषाभरण ने ‘तामिश्र-मकरालय’ पुस्तक की रचना की थी।
10. पाठशाला बनाने में पहले क्या बाधा आई ?
⇒ पाठशाला बनाने के लिए लेखक के पास पर्याप्त धन नहीं था।
11. ‘एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न’ में संसार की क्या विशेषता बताई गई है ?
⇒ ‘एक अद्भुत अपूर्ण स्वप्न’ में संसार को नाशवान बताया गया है।
12. ‘एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न’ की रचना लेखक ने किस शैली में की है ?
⇒ हास्य-व्यंग्यात्मक शैली
13. भारतेन्दु जी को हिन्दी गद्य का जनक क्यों कहा जाता है ?
⇒ हिन्दी गद्य का प्रवर्तन और साहित्यिक रूप प्रदान करे पर।
14. ‘एक अद्भुत अपूर्ण स्वप्न’ के वर्णन का विषय क्या है ?
⇒ तत्कालीन भारतीय समाज, लोगों के द्वारा अपना नाम स्थायी बनाने के लिए लालायित रहने और यशस्वी बनने।
15. लेखक ने अपना नाम संसार में स्थिर रखने के लिए क्या सोचा ?
⇒ लेखक ने पहले देवालय, फिर पुस्तक लिखने और अंत में पाठशाला बनाने का सोचा
16. ‘प्रथम तो हम किसी अध्यापक को मासिक देंगे ही नही………’ से पता चलता है कि-
⇒ उस समय अध्यापकों का शोषण होता था।
17. लुप्तलोचन ज्योतिषाभरण द्वारा लिखी हुई पुस्तक है-
⇒ तामिस्र मकरालय
18. देवराज इन्द्र ने अपनी पाठशाला द्वारा लिखी हुई पुस्तक है-
⇒ वृहस्पति को
19. मृत्यु के पश्चात अपना नाम स्थायी रखने के लिए लेखक ने-
⇒ पाठशाला बनवाई
20. ‘तप्त तवे की बूँद’ का तात्पर्य है-
⇒ क्षणभंगुर
21. ‘एक अद्भुत अपूर्ण स्वप्न’ में शरीर को बताया गया है-
⇒ चलायमान
22. ज्योतिष विद्या में कुशल पण्डित का क्या नाम था ?
⇒ लुप्तलोचन ज्योतिषाभरण
23. उद्दण्ड पण्डित कहाँ से बुलवाये गये थे ?
⇒ उद्दण्ड पण्डित हिमालय की कंदराओं से खोजकर बुलवाये गये थे।
24. लेखक के मन में प्रथम क्या विचार आया ?
⇒ विचार आया कि संसार नाशवान है। इसमें अपने नाम को स्थायी और स्मरणीय बनाने के लिए कोई उपाय करना चाहिए।
25. ‘पर्यंक’ का शब्दार्थ है-
⇒ पलंग
26. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जन्म स्थान है-
⇒ काशी।