क्या आप जानते है ? शहीद भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव के शव को दो बार क्यों जलाया गया था ?

Date / July 30, 2022

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on pinterest
Share on telegram

हमारे लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए फ्री में ज्वाइन करे

why were the bodies of shaheed bhagat singh rajguru and sukhdev burnt twice | most amazing facts about bhagat singh rajguru and sukhdev in hindi

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है | देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-क़ातिल में है? 

दोस्तों यह छोटी सी लाइन बहुत कुछ कह देती है | राम प्रसाद बिस्मिल’ जी की बोली गई लाइन है | जो अपने आप में बहुत बड़ी है | इस नारे को सच कर दिखाने वाले तीन क्रांतिकारी थे शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव

शहीद भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव
img Source: prabhatkhabar

जैसे की आप सब यह अच्छे से जानते ही है की भारत देश को आजाद करने वाले वीर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थे | इन्होने देश के खातिर अपनी जान को कुर्बान कर खुशी -2 फांसी पर चढ़ गए थे | भले ही ये क्रांतिकारी आज़ाद भारत की खुली हवा में सांस नहीं ले पाए |

लेकिन अपने जज्बे से हम सबको यह अवदा सौंप दिए | यह अपने पूछे एक ऐसी मिसाल छोड़ गए जिसे हर कोई कभी झुठला नहीं सकता है इनके जज्बो को हम सलाम करते है | वैसे तो आप लोग इनके बारे में बहुत कुछ जानते होंगे लेकिन कुछ ऐसी बाते है जिसके बारे में आप सोचे भी नहीं होगें आज हम इसी राज से पर्दा उठाने जा रहे हैं, आज हम आपको शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बारे में कुछ अहम जानकारी देंगे

भगत सिंह फोटो
img Source: amarujala
क्या आप जानते है ? शहीद भगत सिंह ,  राजगुरु और सुखदेव के शव को दो बार क्यों जलाया गया था ?

सायद आप इस बात को सुनकर चौक गए होंगे यह बिलकुल सत्य है | हम आपको बता शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को के शवों को दो बार जलाया गया था इसके पीछे क्रांतिकारियों को सम्मान देना है | जैसे की आप सब लोग यह अच्छे से जानते ही है की शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव यह काफी पॉवर फुल थे अंग्रेज़ इन्हें मारना चाहते थे लेकिन शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को मारना अंग्रेज़ों के लिए इतना आसन बात नहीं था | इसीलिए अंग्रेज़ों ने इन्हें धोखे से

मारने की प्लान करने लगे | और वह इस प्लान में कामयाब भी रहे थे | अंग्रेज इस बात से डरे थे की जनता इसका विद्रोह करेगी | इसीलिए वह आज़ादी के इन मतवालों को फांसी की मुक़र्रर तारीख़ से एक दिन पहले 23 मार्च, 1931 को ही भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी थी.

क्या आप जानते है शहीद भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव के शव को दो बार क्यों जलाया गया था
img Source: quora

लोगो के डर से भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी देने के बाद अंग्रेज़ों ने बहुत बेरहमी से उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर के सतलज नदी के किनारे स्थित हुसैनीवाला नामक जगह पर ले जाकर इनके शवों को बेहद अपमानजनक
तरीके से जलाने की कोशिश करने लगे | जब इस बात की मालूमात र देशवासियों को लगी सी समय वहां हज़ारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए | और वह अंग्रेजो को

ऐसा करने से रोकने लगे इस भीड़ में लाल लाजपत राय की बेटी पार्वती और भगतसिंह की बहन बीबी अमर कौर भी मौजूद थीं. | जब अंग्रेजो ने इतनी तादाद में लोगो को बेकाबू देखा तो वह अधजले शवों को वहीं छोड़ वहां से भागने लगे | उके बाद से लोगो ने उस जलती हुई आग से उनके शव को बाहर निकाला इसके बाद देशवासियों ने इन वीर सपूतों का अंतिम संस्कार लाहौर स्थित रावी नदी के किनारे करने का फैसला किया

लाहौर में शहीदों के सम्मान में निकली थी शव यात्रा 

24 मार्च की शाम भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के सम्मान में लाखों लोगों द्वारा लाहौर स्थित रावी
नदी के तट तक शव यात्रा निकाली गई. इसके बाद लाखों लोगों के समक्ष ही इन क्रांतिकारियों को पूरे
सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस सच्ची घटना का ज़िक्र शहीद सुखदेव के भाई मथुरा दास ने अपनी किताब ‘मेरे भाई सुखदेव’ में भी किया है.

स्वराज सबका जन्म सिद्ध अधिकार है – भगतसिहं

यह भी पढ़ें ↓

Latest Post

IQ Boost